शाहरुख खान की फिल्म पठान को लेकर पूरे देश में हंगामा मचा हुआ था और लगातार इस फिल्म का विरोध किया जा रहा था यहां तक कि सोशल मीडिया में इसके लिए ट्रेंड तक कराया गया आखिर इसकी क्या वजह थी इसी पर मोहम्मद ज़ाहिद ने अपने फेसबुक पर पोस्ट लिखी है।
मीडिया में कई महीनों से यह खबर आ रही थी कि “पठान” Pathan देशभक्ति पर आधारित फिल्म है जिसको बनाने में “शाहरुख खान” Shahrukh khan के अतिरिक्त और कोई मुसलमान नहीं बल्कि सब हिंदू लोग हैं।
फिर भी “पठान” का विरोध क्यों हुआ ? सिर्फ शाहरूख खान के मुसलमान होने के कारण बताईए , इन्हें शाहरुख खान जैसा मुसलमान भी स्वीकार नहीं है , जिसकी पत्नी “गौरी” आज भी एक प्रैक्टिस हिंदू है , जिसने अपने बेटे का नाम “आर्यन” रखा।
जिसने अपनी बेटी का नाम “सुहाना” रखा , जिसने अपने घर “मन्नत” में पत्नी के धार्मिक कार्यों के लिए मंदिर बनवाया, जिसके परिवार में ना कोई हिजाब पहनता है , ना कोई इस्लामिक दाढ़ी रखी है , ना वह धार्मिक कट्टर हैं।
शाहरुख खान मक्का उमराह करने जाता है तो वापस आ कर वैष्णव देवी भी जाता है। जिसके पिता स्वर्गीय मीर ताज मुहम्मद देश के सबसे कम उम्र के स्वतंत्रता सेनानी थे , जिसके नाना मेजर जनरल शाहनवाज़ खान थे।
जो नेता जी सुभाष चन्द्र बोस के दाहिने हाथ और “आज़ाद हिन्द फौज” के प्रमुख सैन्य अधिकारी थे। इनको ऐसा मुसलमान भी स्वीकार्य नहीं। कहने का अर्थ यह है कि सांप्रदायिक नफ़रत की कोई सीमा नहीं होती ना कोई वजह , बस नाम ही काफी है।
Mohd Zahid ✍️✍️ लेखक के निजी विचार हैं।