समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव 10 अक्तूबर को हमेशा के लिये दुनिया छोड़ कर चले गये है,संघर्षों से भरे जीवन में मुलायम ने बहुत से उतार चढ़ाव देखें है,जिस समय देश में राजनिती महलों से की जा रही थी उस समय समाजवाद आं,दोलन की नींव पड़ी और मुलायम सिंह यादव इस आं,दोलन के एक मुख्य चेहरे के रूप में सामने आये,साइकल से गांव गांव जा कर लोगो को इस आंदोलन से जोड़ा,और पार्टी बनाई फिर 3 बार देश के सबसे बड़े प्रदेश के मुख्यमंत्री बने।
इन उतार चढ़ाव में नेता जी की ज़िंदगी में एक ऐसा दिन भी आया जब पु,लिस को मुलायम सिंह यादव के इ,नका,उंटर का आदेश मिल गया,और पुलिस नेता जी की जा,न लेने के लिये उन्हे जगह जगह तलाश करने लगी,बात 1981 की है जब तत्कालीन मुख्यमंत्री विश्व नाथ प्रताप सिंह ने एक अंग्रेज़ी अखबार की रिपोर्ट को पढ़ कर नेता जी के इन,काउं,टर का आदेश जारी कर दिया,अखबार ने नेता जी के सम्बंध ड,कै,तो से होने का दावा किया था।
पु,लिस विभाग में मौजूद नेता जी के लोगो ने यह सूचना मुलायम को दी तो वो अपनी कार छोड़ साइकल से इटावा और फिर कच्चे रास्तों से होते हुवे दिल्ली पहुंच गये,और उस समय के प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के घर पहुंच उनसे मुलाकात की,और मुख्यमंत्री के इस आदेश की जानकारी दी,चौधरी चरण सिंह ने उस समय मुलायम सिंह की मदद की और चौधरी चरण सिंह ने मुलायम सिंह की काबलियत के कारण अपनी पार्टी में उत्तर प्रदेश विधान मंडल दल का नेता नियुक्त कर बड़ा दांव चल दिया, मुलायम सिंह का ये प्रभाव और उनका व्यवहार था जिसकी बदौलत चरण सिंह ने उनकी मदद की थी।
फिर क्या था जो पुलिस कल तक मुलायम सिंह यादव का इन,का,उंटर करने के लिये जगह जगह छा,पेमा,री कर रही थी वो पुलिस अब धरती पुत्र नेता जी को सु,र,क्षा देने लगी।