दोस्तों तुर्की का एक मामला सामने आया ही जिसमें वैज्ञानिकों को खुदाई के दौरान एक पत्थर मिला है जिससे वहाँ के वैज्ञानिक हैरान हो गए है इस पत्थर पर “बिस्मिल्लाह” लिखा हुआ दिखाई दे रहा है आइये आगे अब आपको बताते है. वैज्ञानिक हमेशा दुनिया का वजूद कब हुआ इसके बारे में आकलन करते रहते हैं लेकिन तुर्की में वैज्ञानिकों को खु’दाई के दौरान ऐसा पत्थर मिला.
जिससे वह प’रेशान हो गए आपको बता दें तुर्की में एक खदान की खुदाई से बेहद पुराना संगमरमर पत्थर मिला है जिस पर बि’स्मिल्लाह लिखा हुआ है यह खदान भूमध्यसागरीय प्रांत आंताल्या स्थित है.
बताया जा रहा है संगमरमर पर बिस्मिल्लाह कु’दरती तौर पर बना हुआ है जबकि इस पत्थर के बारे में कहा जाता है कि 19.5 करोड़ साल पुराना है.
उस समय धरती पर डाय’नासोर मौजूद रहते थे तुर्की की सरकारी समाचार एजेंसी आनाडोलू एजेंसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ये हैरतअंगेज़ खोज अंताल्या कोर्कुटेली जिले के तस्सीगी गांव में अंताल्या मार्बल इंडस्ट्री एंड ट्रेड कंपनी के मार्बल बिजनेस एरिया में की गई है.
खुदाई करने वाले मजदूरों ने संगमरमर पर जमा हुए धूल को जब हटाया गया तो उन्हें लगा जैसे संगमरमर के स्लैब पर अरबी अक्षरों में ‘बि’स्मिल्लाह’ लिखा हुआ है.
इसके बाद संगमरमर को विश्लेषण के लिए तुर्की के दक्षिण-पश्चिमी इस्पार्टा प्रांत स्थित सुलेमान डेमिरल विश्व- विधालय भेजा गया वहां के वैज्ञानिकों ने जब इसका आकलन किया.
तो अपने विश्लेषण में उन्होंने एक दिलचस्प बात कही उन्होंने बताया कि संगमरमर संभावित 19 .5 करोड़ साल पुराना है और माना जा रहा है इस पर बि’स्मिल्लाह कुदरती तौर पर दिखाई दे रहा है .
वैज्ञानिकों के हिसाब से समय के साथ संगमरमर के स्लैब पर दिल के आकार के शंख के अवशेषों के टूटने और नष्ट होने की वजह से ये आकृति बनी होगी.
तुर्की की अक्डेनिज यूनिवर्सिटी फैकल्टी ऑफ थियोलॉजी के डीन अहमत ओगके द्वारा पेश की गई एक वैज्ञानिक रिपोर्ट के अनुसार, संगमरमर पर अरबी की आकृतियां बि’स्मिल्लाह के जैसी हैं जिनका उल्लेख कुरा’न में किया गया है.
