भारत एक लोकतंत्र देश है देश जैसी ही आज़ाद हुआ तो कुछ राजनीतिक लोग उसके दो टुकड़े कर दिया इस टुकड़े की वजह से सबसे ज़्यादा क़ुरबानी भारतीय मुसलमानों को देने पड़ी पाकिस्तान बनने का जिम्मेदार हमेशा मुसलमानों के सर मढ़ा जाता रहा है फेसबुक पर बेहतरीन लेखकों में शामिल Mohd Zahid इस पर बहुत बेहतरीन अंदाज़ में लिखा है कैसा मुसलमानो चाहिए…
मुसलमान ना तो नौकरी मांगता है ना आरक्षण, तमाम ज़ुल्मों के बावजूद एससी/एसटी ऐक्ट जैसा भी कुछ नहीं मांगता। ना उसका इतिहास गद्दारी का है ना मुखबिरी का ना माफी मांगने का। मुसलमान ना तो गांधी की आलोचना करता है ना संविधान बदलने की बात करता है।
हां संविधान से याद आया…..भारत के धर्मनिरपेक्ष संविधान में कुल 22 चित्र हैं, हर धर्म के चित्र हैं मगर इस्लामिक चित्र एक भी नहीं। मोहनजोदड़ो हैं, वैदिक काल है, रामायण और राम हैं, महाभारत और कृष्ण हैं, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल, गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र हैं।
मुसलमानों ने कभी सवाल नहीं किया कि इस संविधान में एक “आयत” का उल्लेख क्यों नहीं ? 75 साल में पहली बार तब उठ खड़ा हुआ जब उसे लगा कि उससे उसका भारत छीना जाने वाला है। इसी कारण हजारों जेल में चले गए, मगर फिर भी मुसलमान खामोश है।
पता नहीं कैसा मुसलमान इनको चाहिए? देश का मुसलमान ना तो नौकरी मांगता है ना आरक्षण, तमाम ज़ुल्मों के बावजूद एससी/एसटी ऐक्ट जैसा भी कुछ नहीं मांगता। ना उसका इतिहास गद्दारी का है ना मुखबिरी का ना माफी मांगने का। मुसलमान ना तो गांधी की आलोचना करता है ना संविधान बदलने की बात करता है।