एक जनाजे से फारिग होते जी बाबा जी कबर के करीब आकर खड़े हो गए और पूछने लगे बेटा बताओ अगर यह आदमी अभी दुनिया में वापस आ जाए तो क्या करेगा बाबा जी के इस सवाल पर एक दफा तू सब को झटका लगा यह बाबा जी क्या बात कहने वाले हैं।
बाबा जी मुस्कराने लगे और बोले मैं इंसान ही हूं सवाल का जवाब कोई भी दे सकता है एक दो आदमी आगे आये और एक आवाज होकर बोले कि नेक काम करेगा अच्छाई के काम करेगा इतने में पीछे से भी आवाज आने लगी जैसे कि आमतौर पर होता है जब एक आदमी बोलता है तो सभी अपनी राय देने लगते हैं।
एक आवाज़ बाबा जी के कान में पहुंची की वो दीन का काम शुरू कर देगा एक आवाज़ आई वो कुरान सुन्नत को पकड़ लेगा और अभी ये सिलसिला चल ही रहा था कि बाबा जी कहने लगे कि सारी बातों का खुलासा एक ही है कि अल्लाह की नाफरमानी से दूर होकर अल्लाह और उसके रसूल का फरमा-बरदार बन जाएगा।
लेकिन पुत्र बात यह है कि वो कभी नहीं आएगा आप लोग जाओगे… यह कभी नहीं कर सकेगा लेकिन तुम लोग बाहर हो इसलिए तुम लोगों करो जो वो करना चाहता है… यह दूरी तो सिर्फ दो चार फीट की है वो नीचे है तुम ऊपर हो लेकिन हकीकत में बहुत बड़ी दूरी है।
ये कह कर बाबा ने सलाम किया और चलते बने लेकिन पीछे खड़े हर आदमी पर ऐसी कपकपी तारी हुई और ऐसी कैफियत हुई सबके जबान पर अस्तग़फ़ार जारी था और आंखों से आंसू आप समझ गए होंगे न तो आज से ज़िक्र, क़ुरआन और नमाज़ के लिए वक़्त निकाले।