अमेरिका की ओरेगॉन यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों ने अपने ताज़ा शो’ध में यह दा’वा किया है कि प्राकृ’तिक प्रकाश के अलावा हर प्रकार की कृ’त्रिम रोश’नी सेहत के लिए नुकसा’नदाय’क है। इनमें मोबाइल, लैपटॉप, कंप्यूटर और अन्य उपकर’णों से निकलने वाली नी’ली रोशनी के अलावा एलईडी बल्ब एवं ट्यूब’लाइट से निकलने वाला दूधिया उजाला भी शामिल है।
अमेरिकी वैज्ञानिकों ने अपने शो’ध में साबित किया है कि ब्लू वेव लैं’थ्स सेह’त के लिए बेहद ख़त’रनाक हैं, और उनके साथ अधिक समय बिताने से मस्ति’ष्क की कोशिकाएं क्ष’तिग्र’स्त हो सकती हैं। जो बुढ़ापे को अस’मय ही बुला’वा देती हैं।
आज हम अपना अधिकांश समय कृ’त्रिम रोश’नी और विद्यु’त चुंबकी’य विकि’रण (इले’क्ट्रोमै’ग्नेटिक रेडि’एशन) के सा’ए में जी रहे हैं, जो बहुत ही ख़’तरना’क है। कुछ लोगों को तो ज़्यादातर समय ईयर फो’न लगाए रखने की आद’त ही बन जाती है।
कई ईयर फोन ऐसे भी होते हैं कि आप कितनी ही आ’वाज़ देते रहिए, उनकी कानों तक आ’वाज़ नहीं पहुंचेगी। जिसकी वजह से वह दुर्घ’टना के शि’कार भी बनते हैं। ईयर फोन का उपयोग मस्तिष्क तक आवाज़ पहुंचाने वाली कोशिकाओं को ग’र्म करके क्ष’तिग्र’स्त कर देता है।
जिन्हें ठीक नहीं किया जा सकता। हमारा कान सिर्फ़ 65 डेसि’बल आवा’ज़ ही सह’न कर सकता है। 10 घंटे से ज़्यादा समय तक ईयर फ़ोन का प्रयोग बधि’रता की सम’स्या पै’दा कर देता है।
तो वही “एजिं’ग एंड मकै’निज्म ऑफ डिजी’ज” में एक शो’ध प्रका’शित किया गया। जिसके अनुसार वैज्ञानिकों ने ड्रॉसो’फिला मेलानो’गेस्टर (फलों पर बैठने वाली मक्खियाँ) पर अध्ययन किया क्योंकि मक्खियों की सेल्यू’लर (जीवकोषीय) और विकासात्मक (डिवेलपमेंट) प्रक्रिया मनुष्यों और पशुओं से मेल खाती है।
इन मक्खियों के बायोलॉ’जिक क्लॉ’क का अध्ययन किया गया। इनके 1 झुंड को 12 घंटे मोबाइल, टैबलेट्स, कंप्यूटरों की ब्लू वेव लेंथ, एलईडी लाइट में और 12 घंटे अंधेरे में रखा गया और दूसरे झुंड को ब्लू वे’व लैन्थ्स फि’ल्टर में रखा गया।
परिणाम बहुत चौं’काने वाले थे। नीली रोशनी में रखी गई मक्खियों के रेटिना और ब्रे’न न्यूरॉ’न्स को क्ष’तिग्र’स्त पाया गया। और मक्खियों ने नीली रोशनी से ब’चकर भा’गने की भी कोशिश की।
मक्खियां अपनी संभा’वित क्रिया’एं भी नहीं कर पा रही थीं और शिशु मक्खियों की आंखें खोलने की प्र’क्रिया भी रुक गई। शो’ध के दौ’रान पाया गया कि ब्लू वे’व लें’थ से मु’क्त वातावरण के मुकाबले ब्लू वेव लैन्थ्स वाले क्षे’त्र में रखी गयी मक्खि’यों की एजिं’ग प्रक्रि’या ते’ज़ थी।
