दोस्तों दुनिया में ऐसे बहुत चीज़े दिखाई या सुनाई देती है जिसके बारे में कोई नहीं जनता है लेकिन कुछ लोग ऐसे भी है जो कुछ भी ऐसा देखते है जो देखने में या सुनने में अजीबो गरीब हो तो लोग उसके बारे में जानने की पूरी कोशिश करते है कुछ टैलेंटेड लोग इस दुनिया में सब कुछ जानने की भरपूर कोशिश करते है आइये आज आप को ऐसी ही कुछ बाते बताये जिसके बारे में बहुत ही कम लोग जानते है.
भारतीय रेलवे को देश की लाइफलाइन कहा जाता है,हमारे देश का रेल नेटवर्क दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्कों में से एक है. भारत में रोजाना करोड़ो लोग ट्रेन का सफर करते हैं. सफर के दौरान आपने गौर किया होगा कि स्टेशनों के साइन बोर्ड पर जंक्शन, टर्मिनल या सेंट्रल लिखा होता है. आज हम इसके विषय में आपको बताने जा रहे है,बहुत से लोग टर्मिनल, जंक्शन और सेंट्रल में क्या फर्क होता है इसके विषय में जानकारी नही रखते है,यह सवाल कई प्रतियोगी परीक्षाओ में भी पूछा जाता है आज हम इसका जवाब आपको बताने जा रहे है.
भारतीय रेलवे के मुताबिक रेलवे स्टेशन में जंक्शन नाम तब जोड़ा जाता है जहां तीन अलग-अलग रूटों का मिलान होता है. जिस स्टेशन से तीन दिशाओं के रूट निकलते हैं उस स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है.भारत में 300 से ज्यादा जंक्शन हैं. देश का सबसे बड़ा जंक्शन मथुरा है जहां से सात अलग-अलग रूट निकलते हैं.
टर्मिनल या टर्मिनस ऐसे स्टेशनों को कहा जाता है जहां से आगे जाने के लिए रास्ता न हो.टर्मिनल में ट्रेने आती हैं मगर उन्हें उसी दिशा में वापस जाना पड़ता है.टर्मिनल स्टेशन से एक ही दिशा में ट्रेने चलती हैं. इस समय देश में लगभग 27 टर्मिनल स्टेशन हैं.
सेंट्रल-जिस रेलवे स्टेशन के नाम के आगे सेंट्रल शब्द जुड़ा हो समझ लीजिए वो सबसे महत्वपूर्ण और व्यस्त रेलवे स्टेशन है. जानकारी के मुताबिक भारत में पांच रेलवे स्टेशनों को सेंट्रल का दर्जा दिया गया है.मुंबई, चेन्नई, त्रिवेंद्रम, मैंगलोर और कानपुर रेलवे स्टेशन के आगे सेंट्रल शब्द लगाया जाता है. सेंट्रल, जंक्शन और टर्मिनल रेलवे स्टेशनों को छोड़कर बाकी सभी स्टेशन होते हैं.