दुनिया में बहुत सी क्रीम और फेस वाश आता है जिसको लगाने से इंसान का चेहरा साफ़ और खूबसूरत लगता है बहुत सी कम्पनियो ने भी बाजार में एक से बढ़कर एक प्रोडक्ट उतारा है लेकिन उन सब प्रोडक्ट का कोई न कोई साइड इफ़ेक्ट होता है दुनिया में बहुत से ऐसे लोग है चाहे वो मर्द हो या औरत।
सब आपने आप को बेहतर और खूबसूरत दिखाना चाहते है इसलिए वो तरह तरह के क्रीम ,फेस वाश का इस्तेमाल करते है लेकिन आज हम आपको इन सब के इलावा एक ऐसे चीज़ बताने जा रहे जिससे आप बेहद खूबसूरत लगेँगे.
दुनिया में हजारों ऐसी क्रीम बनाई गई है जिससे चेहरा चमकने लगे रंग गोरा हो जाएं लेकिन हर क्रीम में कोई ना कोई साइड इफ़ेक्ट भी है वैसे हर इंसान की यही ख्वाहिश होती है उसका चेहरा खूबसूरत नजार आये और उसके चेहरे में ऐसी कशिश हो कि देखने वाले उसको देखते रह जाएं कुछ लोगों को अल्लाह ताला कुदरती तौर पर ऐसा हुस्न दे देते हैं लोग देखते रह जाते हैं.
जबकि कुछ लोग के चेहरे तिलावत कुरान और ज़िक्र से भी चेहरे में अजीब निखार पैदा हो जाती है जिसको देखते ही आदमी उसका दीवाना बन जाता है। कुछ लोग इसके लिए तरह-तरह के केमिकल क्रीम का इस्तेमाल करते हैं, जिस से कुछ वक्त के लिये चेहरे को गोरा तो कर देता है ।
लेकिन चेहरे पर चमक नहीं लाता एक ऐसी आयत और एक ऐसा अमल पेश करते हैं जिससे इंसान का चेहरा सफेदी के साथ-साथ दिलकश और नूरानी भी बन जाता है.ये अमल करने के बाद जो भी आपको देखेगा इंशाल्लाह उसके दिल में आपकी मोहब्बत और इज्जत पैदा हुआ करेगी ।
यह अमल बड़ा जबरदस्त है और अल्लाह के कलाम का मोजज़ा है बस आपका यकीन और और भरोसा इस अमल को और असरदार कर देगा आपको इसका इस्तेमाल कुछ इस तरह करना है.रोजाना गुलाब के पानी पर सुबह सवेरे 21 बार नीचे दी गई आयात मुबारक पढ़कर दम करना है।
और उस गुलाब के पानी को रोजाना सुबह उठते ही और रात सोते वक्त चेहरे पर लगाना है आपको यह काम 21 दिन तक करना होगा इंशाल्लाह चेहरा सफेदी के साथ-साथ अजीब अंदाज से निखर जाएगा और ऐसी कशिश पैदा होगी देखने वाला आपका फैन हो जाएगा.
: ۞ اللَّهُ نُورُ السَّمَاوَاتِ وَالْأَرْضِ ۚ مَثَلُ نُورِهِ كَمِشْكَاةٍ فِيهَا مِصْبَاحٌ ۖ الْمِصْبَاحُ فِي زُجَاجَةٍ ۖ الزُّجَاجَةُ كَأَنَّهَا كَوْكَبٌ دُرِّيٌّ يُوقَدُ مِن شَجَرَةٍ مُّبَارَكَةٍ زَيْتُونَةٍ لَّا شَرْقِيَّةٍ وَلَا غَرْبِيَّةٍ يَكَادُ زَيْتُهَا يُضِيءُ وَلَوْ لَمْ تَمْسَسْهُ نَارٌ ۚ نُّورٌ عَلَىٰ نُورٍ ۗ يَهْدِي اللَّهُ لِنُورِهِ مَن يَشَاءُ ۚ وَيَضْرِبُ اللَّهُ الْأَمْثَالَ لِلنَّاسِ ۗ وَاللَّهُ بِكُلِّ شَيْءٍ عَلِيمٌ (