किसी भी धर्म का मानने वाला क्यों ना हो हर धर्म में उसके धर्म के अनुसार रीति रिवाज से शादी की जाती है लेकिन अगर यह सवाल किया जाए मर्द शादी क्यों करता है बहुत अटपटा सा सवाल लगता है लेकिन फिर भी आदमी सोचने पर मजबूर हो जाता है सच में मर्द शादी क्यों करता है इसी सवाल का जवाब पाकिस्तन के एक सीरियल में एक मां अपनी बेटी को दे रही है।
जवाब सुनकर आप भी सोचने पर मजबूर हो जाएंगे। मां ने बेटी से कहा एक बार तुम्हारे पिता जी मुझसे कहने लगे जरा सोच कर बताओ मर्द शादी क्यों करता है तो मां ने कहा मैं तो सचमुच में सोच में पड़ गई महीने बाद हिसाब करो तो पत्नी का खर्च चार बाहर वाली औरतों से ज्यादा होता है लेकिन मर्द फिर भी शादी करता है।
शादी पर लाखों का खर्चा और उससे ज्यादा पत्नी का टेंशन पूरे करता है उसके लिए छत ढूंढता है उसके आराम के लिए कोशिश करता है धूप में फिरता है मेहनत करता है जब कभी पत्नी को किसी चीज की जरूरत पड़े उसके लिए अपना सब कुछ बेच देता है।
मां ने पूछा पता है क्यों” बेटी से कहा तुम पूछो मुझसे क्यों, बेटी ने डरते डरते मां से पूछती है क्यों मां ने कहा क्योंकि मर्द की यह वाली आदत खुदा जैसी है अब देखो खुदा को क्या जरूरत थी वह इंसान पैदा करता फिर उनके खाने पीने रहने की चीजें पैदा करता लेकिन शायद जरूरत थी वो चाहता था कोई ऐसी मखलूक हो जो उसकी पूजा करे।
उसको सजदा करे इतना सब कुछ देने के बाद वह कहता है मैं रहमान हूं मैं रहीम हूं सब गुनाह माफ करूंगा लेकिन शिर्क कभी नहीं माफ करूंगा । बस खुदा ने अपनी यही सिफत मर्द के खून में भी डाल दी है जिस तरह उसे अपनी मखलूक सबसे प्यारी है उसी तरह अच्छे मर्द को अपनी बीवी बहुत प्यारी होती है वह खुदा नहीं है।
लेकिन खुदा की तरह है उसके लिए सब कुछ करता है या फिर करने की कोशिश करता है यहां तक कि उसकी गलतियों पर रहमान और रहीम बन जाता है लेकिन उसका शिर्क कभी माफ नहीं करता यानी उसकी बीवी किसी और मर्द के साथ चक्कर चलाये ये कोई मर्द बर्दाश्त नही कर पाता।