बिहार में एक मुस्लिम प्रेमिका के सामने अपनी प्रेमी ने अजीब शर्तें रखी। लड़की ने बताया कि उसने मुझसे कहा था तुम पहले गंगा में डुबकी लगा लेना तो शुद्ध हो जाओगी। इसके बाद मैं 6 महीने तुम्हें और 6 महीने पत्नी को साथ रखूंगा। यह शर्त भी प्रेमिका को मंजूर थी, लेकिन इसके बाद प्रेमी ने उससे बाद करना बंद कर दी। और 1 मार्च को किसी और लड़की से शादी कर ली।
कहानी मुजफ्फरपुर की रानी की है, जो प्रेमी के लिए मुस्लिम से हिंदू बनी तीज और करवा चौथ का व्रत तक रखा, लेकिन प्रेमी से सिर्फ धोखा ही मिला। पढ़िए दो धर्मों के बीच फंसी मुजफ्फरपुर की रानी की जुबानी पूरी कहानी..।
मेरा नाम रानी है। मैं मुजफ्फरपुर की रहने वाली हूं। एक NGO से जुड़कर सोशल वेल्फेयर का काम करती हूं। जिंदगी काफी सुकून से चल रही थी। कहीं कोई गम नहीं था।
सुबह गांव में लोगों को जागरूक करना और शाम को घर पहुंच जाना। मैं 3 मार्च 2022 का दिन कभी नहीं भूल पाउंगी। इसी दिन मेरी बर्बादी की पटकथा लिख दी गई थी।
गांव की कुछ महिलाएं धरने के लिए पटना जा रही थीं। मैं भी साथ चली गई। वहां गांव के ही रहने वाले गोविंद से मुलाकात हुई। हालांकि गांव का होने के बाद भी मैं उसे नहीं जानती थी।
धरने का वीडियो भेजने के बहाने उसने मेरा मोबाइल नंबर ले लिया। फिर यहीं से मेरी लाइफ में तूफान मंडराने लगा। इसी दिन से मेरी लाइफ काे बर्बाद करने गोविंद ने एंट्री कर दी। मोबाइल पर हाय-हेलो के मैसेज से बढ़ गया प्यार.
3 मार्च 2022 को मैं धरने से घर गई तो देर रात लगभग साढ़े 11 बजे गोविंद का वॉट्सऐप पर मैसेज आया। वह सिर्फ हाय लिखा था, जवाब में मैने हेलो लिख दिया। हालांकि तब तक हम दोनों के बीच कुछ नहीं था। बस ऐसे मैसेज से बात हुई और उसने धरने का वीडियो भेजकर अपनापन जताया।
सुबह फिर फोन आया, लेकिन मैंने ड्यूटी पर जाने की बात कहकर ज्यादा बात नहीं की। ड्यूटी के दौरान वह मुजफ्फरपुर के रघुनाथपुर में मिल गया और मेरे गले में लटके आईडी कार्ड के बहाने सीने पर हाथ रख दिया।
इस पर मैं भड़क गई, लेकिन उसने बात को घुमा दिया। मैं उसकी चालाकी समझ नहीं पाई। इसके बाद भी बात बढ़ती चली गई। गोविंद की बातों में आकर मैं भी भावुक होती गई, जिसका वह फायदा उठाता गया।
7 दिन में कर दिया प्रपोज,बातचीत के साथ-साथ मिलना जुलना भी हाेने लगा था। गोविंद ने मुलाकात के सातवें दिन यानी 10 मार्च को मुझे एक गुलाब का फूल और कुछ चाकलेट देकर प्रपोज कर दिया।
यहां तक तो कोई बात नहीं थी। सब कुछ सामान्य चल रहा था। दोनों की बातें और मुलाकातें चल रही थीं। जब प्रपोज करने के 14वें दिन 24 मार्च की रात उसने फोन किया। शादी का प्रस्ताव रखा तो मैं सन्न रह गई।
मुझे पता था कि मुस्लिम और हिंदू की शादी कितनी बड़ी चुनौती है। मैंने उसे समझाया, लेकिन वह नहीं माना। बार-बार जान देने की बात कहकर वह मुझे परेशान करता था। मैं कुछ समझ पाती कि 25 मार्च 2022 को उसने पास एक शिव मंदिर में बुलाकर मेरी मांग में सिंदूर भर दिया।
मैं मुस्लिम लड़की सिंदूर का महत्व नहीं जानती थी, जब लोगों से पूछा तो हिंदू धर्म में इसकी अहमियत पता चली। मैंने सिंदूर मिटाया नहीं और ना ही इसे धोया। मैं उस दिन से गोविंद को पति मानकर उसके नाम का सिंदूर लगाने लगी।
बहन की शादी में फिजिकल रिलेशन बनाते देखा,शादी की जानकारी गोविंद के मां-बाप को भी हो गई थी। मैं उसके घर भी आने जाने लगी थी। इस बीच गोविंद की बहन की शादी तय हुई।
परिवार पैसे को लेकर परेशान था। गोविंद की परेशानी देख मैंने अपनी कमाई से बहन की शादी का खर्च उठाने की हिम्मत की। लगभग 3 लाख रुपए खर्च कर दिए।
शादी की रात 10 जून को मैं बहुत थक गई थी। मेरी शरीर टूट रहा था, गोविंद से आराम करने के लिए कहा। वह एक कमरे में ले गया और हम सोने लगे। इस दौरान फिजिकिल रिलेशन भी बना, जिसे शादी में आए कुछ लोगों ने खिड़की से देख लिया।
हालांकि पहले भी मेरा गोविंद के साथ सैकड़ों पर संबंध बना, लेकिन यह बवाल मचाने वाला था। शादी के दूसरे दिन गोविंद के रिश्तेदारों ने सवाल खड़े कर दिए।
मेरा और गोविंद के परिवार के रिश्ते को लेकर बवाल मचा, लेकिन गोविंद की मां ने मामला संभाला। इसके बाद वह लगातार मेरे घर पर आकर मुझे समझाती रहीं। गोविंद मेरे साथ दिल्ली भी गया और वहां भी हमारे बीच संबंध बना।
बहन की शादी के बाद शुद्धीकरण की तैयारी,मांग में सिंदूर लगाने के बाद मैं मुसलमान से हिंदू हो चुकी थी, लेकिन गोविंद और घर वाले अशुद्ध ही मान रहे थे।
मेरे लिए परीक्षा भी तय हो गई। बहन की शादी के बाद गोविंद ने शुद्धीकरण की तैयारी की थी। डेट भी फिक्स थी, बहन की शादी के बाद 11 जून को परीक्षा देनी थी। मैं इस परीक्षा के लिए भी तैयार थी।
बोला गया- हाजीपुर ले जाकर गंगा में डुबकी लगवाकर मुझे मुस्लिम से हिंदू बनाया जाएगा यानी शुद्धिकरण कराया जाएगा। मैं प्यार के लिए कुछ भी करने को तैयार थी, क्योंकि मैं आगे बढ़ चुकी थी। मेरे सामने अब कोई विकल्प नहीं था। मांग में सिंदूर लगाने के बाद मैं तो खुद को हिंदू ही मान ली थी।
गोविंद ने कहा कि मुस्लिम हो गंगा में डुबकी लगाने से सब शुद्ध हो जाएगा। मैं उस डेट का इंतजार कर रही थी, लेकिन इससे पहले गोविंद की बहन की शादी में मुझे लेकर विवाद खड़ा हो गया था। गोविंद ने घर में फांसी लगाने का प्रयास किया, उसकी मां ने भी जहर खाने की धमकी दी।
शिव की पूजा के साथ तीज त्योहार मनाया,मैं खुद को हिंदू मान चुकी थी। मेरी दिनचर्या हिंदू महिलाओं की तरह हो गई थी। मांग में सिंदूर और हर दिन शिव की पूजा के साथ व्रत भी की।
इस बीच तीज और करवा चौथ का व्रत भी पड़ा। मैं एक हिंदू महिला की तरह तीज और करवा चौथ का व्रत की। मैंने सोचा भी नहीं था कि कभी मुझे गोविंद से दूर होना पड़ेगा। लेकिन जून में बहन की शादी के बाद घर वालों का असली चेहरा सामने आने लगा था।
प्रेग्नेंट होने पर सामने आया असली चेहार,जून में मैं प्रेग्नेंट हो गई। जांच में पता चला दो माह का गर्भ है। पेट में बच्चा आने के बाद ही गोविंद और उसकी मां उसे नुकसान कराने के लिए परेशान हो गए।
काफी दबाव बनाया गया, लेकिन मैं बच्चे को मारने के लिए तैयार नहीं हुई। डॉक्टर के पास ले जाया गया, लेकिन वहा गोविंद की मां की बोलने की हिम्मत नहीं हुई। बाद सर दर्द की दवा के बहाने दो दो बार दवा दी गई, जिसके बाद मेरी हालत खराब हो गई।
