पूर्व विधायक राजू पाल हत्याकांड के गवाह उमेश पाल की शुक्रवार को गोली मारकर हत्या कर दी गई। आज शाम को उनका अंतिम संस्कार कर दिया। चायल से सपा विधायक पूजा पाल शाम को उमेश के परिजनों से मिलने उनके घर पर पहुंचीं। इस दौरान उमेश के परिजनों से उनकी जमकर बहस हुई। परिजनों ने पूजा पाल पर अतीक से मिले होने और हत्या की साजिश में शामिल होने का आरोप लगाया।
काफी देर तक आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। इसका वीडियो भी सामने आया है। इस पर विधायक पूजा पाल आपा खो बैठीं और वो चिल्लाने लगीं। वहां मौजूद महिलाओं और पुलिस वालों ने किसी तरह से उनको पकड़ कर बैठाया। इसके बाद भी मामला शांत नहीं हुआ। बहन कहने लगी कि उमेश शेर था। वह छुपकर बैठने वालों में नहीं था।
जवाब में पूजा पाल ने कहा कि वह अतीक अहमद से मिल गया था। इस पर बहन कहती है कि पता नहीं कौन मिला था। उमेश मिला था या तुम मिल गईं थी अतीक से। उमेश के बच्चे कहते हैं कि बुआ तुम अब चुप करो। कुछ न कहो बहन कहती है कैसे चुप रहूं।
इन्हिन (पूजा पाल) की खातिर आपन जान गंवाई दिहिस। जवाब में पूजा पाल कहती हैं कि जाबिर (अतीक का गुर्गा) को देखकर मैं यहीं से भाग गई थी। इसके बाद मैंने इस घर में पैर नहीं रखा। बात वो बोलो जो कलेजे में लगे न। मैंने तभी उमेश को कहा था कि घर में दुश्मन को बैठाओगे तो एक दिन घर में घुसकर गोली मारेगा।
अपनों से कोई नहीं लड़ सकता। आज जो अतीकवा देखत होई….। मैं भगवान कसम खाकर कह रही हूं कि मैं उमेशवा से लड़कर गई थी। भाभी तुम अपने बच्चों की कसम खाकर कहो कि तुम उनको पराठा बनाकर खिला रही थी कि नहीं।
वह कहती हैं, ” उस वक्त मैंने मना किया था कि नहीं। मैं झूठ नहीं बोलती। हम अगर गलत कही तो हमका मार डालो।” इसके बाद पूजा पाल गुस्से से आग बबूला होकर वहां से चली जाती हैं। उसके बाद पूजा पाल ने अपना एक बयान जारी किया। इसमें उन्होंने अपने चचेरे भाई की हत्या करने वालों को सजा दिलाने की मांग की और स्पष्ट किया कि वहां उमेश पाल की हत्या से काफी दुखी हैं।
उन पर जो भी आरोप लगाए जा रहे हैं। वह निराधार और अनर्गल हैं। उमेश पाल 18 साल से पूजा पाल के पूर्व पति राजू पाल के लिए लड़ रहे थे। इंसाफ की लड़ाई में वो अपनी ही जान गंवा बैठे। पूजा पाल का कहना है कि उमेश पाल के घर जब अतीक के लोगों का आना शुरू हुआ तो उन्होंने उमेश के घर आना–जाना छोड़ दिया ।
उससे बातचीत बंद हो गई। पूजा पाल के पूर्व पति राजू पाल की 25 जनवरी 2005 में हुई हत्या के बाद आरोपी अतीक गैंग से कानूनी लड़ाई के चलते उमेश पाल अतीक अहमद के निशाने पर थे उमेश पाल इस हत्याकांड के एकमात्र चश्मदीद गवाह थे।
इस हत्याकांड के बाद 2 बार बीएसपी के टिकट पर इलाहाबाद शहर पश्चिमी सीट से पूजा पाल विधायक बनीं थीं। बाद में पूजा पाल ने सपा नेता से शादी कर सपा की सदस्यता ले ली थी। 2022 के विधान सभा चुनाव में पूजा पाल सपा के टिकट पर कौशांबी के चायल सीट से विधायक बनीं।