यूपी के आगरा जिले में कॉलेज की लड़कियों को ब्लै’कमेल करने वाले गैं’ग का पर्दा’फाश हो गया है। लड़कियों को ब्लैक’मेल करने वाले आरोपी भी छात्र हैं और वह सब नाबालिग हैं। पकड़ी गई गैंग के पास से पुलिस ने लैपटॉप-मोबाइल के अलावा 300 से ज्यादा कॉलेज स्टूडेंट्स की न्यू’ड तस्वीरें-वीडियो बरामद की हैं।
बता दें कि ब्लैकमेलिंग से परेशान एक लड़की NGO की मदद से थाने तक पहुंची। केस दर्ज होने के बाद जब मामले की जांच की गई तो यह मामला सामने आया। ये गैं’ग कब से एक्टिव है। क्या ये डेटा किसी पो’र्न साइट पर बेचा जा रहा और इनके चुंगल में कितनी लड़कियां फं’सी है। पुलिस इस गिरोह के बारे में जानकारी जुटा रही है।
इस मामले में पुलिस ने अब तक 34 लोगों के खिलाफ FIR दर्ज की है। जिसमें से 9 छात्रों के बारे में पुलिस ने जानकारी हासिल कर ली है। शास्त्रीपुरम इलाके के एक कॉन्वेंट स्टूडेंट ने करीब 2 महीने पहले NGO से संपर्क किया। छात्रा ने बताया कि पास के स्कूल में 12वीं का छात्र उसका ब्वॉयफ्रेंड था।
मिलने के दौरान छात्र सेल्फी के बहाने उसकी फोटो और वीडियो लेता रहता था। इसके कुछ महीने बाद एक अंजान नंबर से छात्रा के पास फोन आता है और फोन करने वाले उसकी न्यूड तस्वीर-वीडियो का हवाला देते हुए ब्लैकमेल करता है।
पूछने पर पता चलता है कि छात्रा के ब्वॉयफ्रेंड से फोटो और वीडियो मिली हैं। जब पीड़िता ने प्रेमी से संपर्क करना चाहा तो उसने पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद ब्लैकमेल करने वाला लड़का पीड़िता पर मिलने का दबाव बनाने लगा। इसके बाद उसके नंबर पर कई लड़कों के कॉल आने लगे।
जब पीड़िता ने अपनी दोस्त को मामले की जानकारी दी तो पता चला कि उसके साथ भी ऐसा हुआ है। फोन का डेटा हैक होने के शक के साथ न्यूड वीडियो-तस्वीरों के माध्यम से उन्हें ब्लैकमेल किया जा रहा था। फिर छात्राओं ने पुलिस से मदद लेने के बजाय NGO को सूचना दी।
क्योंकि छात्राओं को डर था कि उनकी तस्वीर और वीडियो वायरल न हो जाएं। जिसके बाद NGO ने पुलिस से संपर्क किया तो मामले की जांच शुरू हुई। जांच में एक बड़े रैकेट से पर्दा उठ गया। पुलिस को इस मामले में शामिल 9 लड़कों का नाम-पता मिल गया है।
NGO के शख्स के अनुसार, आरोपियों के लैपटॉप में 300 लड़कियों का न्यूड डेटा है। जिसके बाद NGO ने बाल आयोग और महिला आयोग समेत अन्य जगहों पर भी मामले की शिकायत की है।
पीड़िता ने बताया कि एडिटेड अश्लील फोटो और कुछ चैटिंग के स्क्रीन शॉट के जरिए आरोपी उसका शारीरिक शोषण करना चाहते थे। वहीं विरोध करने पर उठाकर ले जाने की धमकी दी जाती थी। छात्राओं ने डर के कारण परिजनों से शिकायत नहीं की।
थाना सिकंदरा प्रभारी आनंद कुमार शाही ने कहा कि मामले की जांच की जा रही है। अभी तक इस मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं की गई है। साइबर सेल सभी बिंदुओं की पड़ताल कर रही है।