आज हम बात करने जा रहे हैं कि क्या इ’स्ला’म में मियां और बीवी का एक साथ न’हाना सही है या गल’त। अक्सर लोग इस मा’मले में ग’लत धारणा’एं बना कर बैठ जाते हैं। लेकिन इस बारे में ह’जरत आयशा (र.अ) से एक रिवायत है कि रसूल ए पाक एक साथ एक ही बर्तन में गु’सल किया करते थे। जब वह न’हाते थे तो मैं उनसे कहती थी कि मेरे लिए भी थोड़ा पानी छो’ड़ दें.
फिर मैं उसी बर्तन से और उसी पानी से न’हाया करती थी। हालांकि इस बात को बताते हुए ह’ज’रत आ’य’शा (र.अ) का कहना है कि मियां और बीवी एक साथ न’हा’ने पर उन दोनों को भी अपनी श’र्म’गाहों की हि’फाज’त करनी चाहिए.
हमारे न’बी स’ल्ल’ल्ला’हू अले’ही व’सल्ल’म ने फ़’रमा’या है कि ह’मबि’स्त’री से म.ना नहीं किया तो एक साथ न’हा’ने पर भी कोई रोक नहीं है। लेकिन हमें ऐसा करने से बचाव करना चाहिए ऐसी बहुत सारी चीजें हैं.
जिसे इ’स्ला’म में बताया गया है लेकिन अगर उन्हें करने से बचा जाए तो ज्यादा बेह’तर रहता है। ऐसे ही इन चीजों में से एक है मियां और बीवी का एक साथ न’हा’ना.
इ’स्ला’म में कहा गया है कि आप एक साथ न’हा तो सकते हैं। लेकिन कोशिश करें कि इससे बचे अब सवाल यह उठता है कि जब एक साथ न’हा’ना जा’य’ज है.
तो इससे बच’ना क्यों चाहिए।आपको बता दें कि अ’ल्ला’ह ने ऐसी बहुत सारी चीजें बनाई है जो जायज तो है लेकिन इनसे करने से बचना ही चाहिए जैसे कि त’ला’क भी इन मा’म’लों में से एक है.
जैसा कि हम सब जानते हैं की तलाक अ’ल्ला’ह के बनाए गए जायज कामों में से एक है। लेकिन अ’ल्ला’ह ने यह भी बनाया है कि किसी भी इं’सा’न को त’ला’क से ब’च’ना ही चाहिए.
अ’ल्ला’ह को अपने द्वारा बनाए गए जायज कामों में से त’ला’क बिल्कुल भी पसंद नहीं है। जिस वक्त किसी का भी तलाक होता है। कहा जाता है कि उस वक्त अ’ल्ला’ह ना’रा’ज होता है.
और फ’रि’श्ते भी रोते हैं लेकिन त’ला’क हो जाने से शै’ता’न खुश होता है। इसलिए अ’ल्ला’ह ने त’ला’क को बहुत बड़ी म’जबू’री के तहत ही लेने का हु’क्म फ’र’माया है.