आज हम एक ऐसी लड़की का वाकया आप को बताने जा रहे हैं जो मुस्लिमों से बहुत नफ’रत करती थी, एक दिन वह जब ऑटो का इंतिज़ार कर रही थी तो उसे एक ऐसी ऑटो नजर आई जिसका ड्राईवर मुस्लि’म था,वह ऑटो में बैठ गई,जब ऑटो चलने लगी तो उस ड्राईवर ने कहा कि मैं टेप में कुछ सुन रहा था अगर आप इजाजत दें.
तो मैं उसे सुन लूं.उस लड़की ने कहा कि मुझे कोई एतराज़ नहीं है.आप सुन सकते हैं.दरअसल वह ऑटो ड्राईवर एक तक़रीर सुन रहा था. और उस तक़रीर में मौला’ना परदे के बारे में बता रहे थे. लड़की यह सुन कर परेशान हो गई, उसे इन सब बातों से न’फरत थी. उसे तो यही बताया गया था कि मुसल’मान बहुत बुरे होते हैं, और मोलवी खूं’खार होते हैं.
यह सब सुन कर वह लड़की बहुत परेशान हो गई. लेकिन मजबूरी में वह यह सब कुछ सुनती रही. कुछ देर के बाद जब लड़की अपने घर पहुँचती है तो वह ड्राईवर से बोली कि मेरा सामान नीचे उतार दो. लेकिन सामान ज्यादा होने की वजह से ऑटो ड्राईवर कहता है कि मैडम में आप का सामन आप के घर के अन्दर रखवा देता हूँ.लड़की भी इस पर राज़ी हो जाती है, और वह उसका सामन उसके घर के सामने रखवा देता है.
उसके बाद लड़की ने तीन सो रूपये निकाले और देने लगी.वह ऑटो ड्राईवर कहता है कि मैडम तीन सो रूपये क्यों दे रही हैं.मेरे पैसे इतने नहीं होते हैं.वह लड़की कहती है इस से पहले दुसरे ड्राईवर को मैं लाइ हूँ तो उनोने तीन सो रूपये ही लिए हैं.
लड़की कहती है कि आप जो सामन उठा कर लाये हैं उसका ले लीजिये,ड्राईवर कहता है कि मैडम मैं आप से ज्यादा पैसे नहीं ले सकता हूँ.और सामन उठाने की बात है तो यह तो मैंने इंसानियत के नाते की है.और र्मेरा धर्म भी यही बताता है कि दूसरों की मदद की जाए.
यह कह कर ड्राईवर जाते जाते कहता है लगता है कि आप मुस्लिमों के बारे में गलत सोचती हैं,आप जैसा मुस्लिमों के बारे में सोचती हैं वह ऐसे नहीं होते हैं.उसके बाद उस लड़की के दिमाग में आये हुए सारे बात खत्म हो जाते हैं और अब तक जो लड़की मुस्लिमों से नफरत करती थी अब वह नफरत भी उसके दिल से निकल चुकी थी.