अगर औरत गैरत के नाम पर क़त्ल करती तो आज मर्द सिर्फ बायलॉजी की किताबों में मिलते, जिन्होंने आपको छोड़ना होता है वह दिन या रात नहीं देखते और जिन्होंने निभाना होता है फिर वह हालात नहीं देखते,
मर्द की वफा का पता ही औरत की बीमारी में चलता है कि सिक्का खोटा है या खरा, इसी तरह औरत की दिलदारी मर्द की बेरोजगारी के वक्त पता चलती है की वो कागज़ी हमसफर है या वाकई शरीके हयात।
वह औरत कभी भी अपने पति के दिल पर राज नहीं कर सकती जिसे बात बात पर पति से लड़ने और बद ज़ाबानी की आदत हो, एक बेटी के लिए बहुत फक्र की बात होती है जब कोई कहता है यह तो बिल्कुल अपने बाप पर गई है।
ज़ल ज़ल्ला केवल चुस्त कपड़े पहनने वाली महिला से नहीं आती है। जलजला दूध में पानी मिलाने पर भी आता होगा । ज़लज़ला मिर्च में ईंट की बुरादें मिलाने से भी आता होगा। ज़ल ज़ल्ला कमीशन के लिए अनुपयुक्त और महंगी दवाएं लिखने पर भी आता होगा। ज़लज़ला मेंबर पर बैठ कर नफरत फैलाने से भी आता होगा ।
दुनिया में कोई चीज किसी भी आदमी के दिल और दिमाग को सुकून नही दे सकता सिवाय उसकी मनपसंद औरत के औरत में एक कमजोरी होती है जिस वो बहुत नुकसान उठती है वो कमजोरी यह है कि वह अपनी कमजोरी को अपने पसंद के आदमी के सामने बयान कर देती है।
दिल की सख्ती गुनाहों की कसरत की वजह से है, गुनाहों की कसरत मौत को भुला देने की वजह से है, मौत से गफलत लंबी उम्मीदों की वजह से है, लंबी उम्मीदें दुनिया की मोहब्बत की वजह से है, दुनिया से मोहब्बत हर गुनाह की जड़ है।