इस समय रमज़ान का पाक महीना चल रहा है. रमज़ान के पाक महीने को दुनिया में सबसे पवित्र महीना माना जाता है. रमज़ान के महीने में मुसलमान रोज़ा रखते हैं और रोज़े के दौरान उन्हें केवल खुदा की इबादत करनी होती हैं.
वह केवल खुदा को अपना समय दे सकते हैं इसके अलावा किसी को नहीं. खुदा की इबादत के अलावा मुसलमान इस दौरान कुछ नहीं कर सकतज. रमज़ान के महीने में रोज़े के वक्त लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल होते हैं और उन्ही में एक सवाल ये भी होता है कि क्या रोज़े के दौरान मिया-बीवी हमबिस्तर हो सकते हैं..?.
इस तरह के सवाल का जवाब यह बताया गया है कि जब रमज़ान का पाक महीना हो और आपने रोज़ा रखा है तो आप हमबिस्तर नहीं हो सकते. जी हाँ, क्योंकि रमजान का पावन पर्व केवल अल्लाह की इबादत के लिए होता है और उस वक्त केवल अल्लाह की इबादत ही करनी चाहिए.
रमजान के पाक महीने में मिया-बीवी हमबिस्तर नहीं हो सकते. ऐसा भी कहा जाता है कि रमजान के दौरान अगर मिया-बीवी को हमबिस्तर होना है अर्थात सेक्स करना है तो वह रोजा खोलने के बाद और रोजा रखने के पहले तक यानी सहर तक ही यह कर सकते है.
उसके बाद नहीं. रमजान में अगर मिया-बीवी हमबिस्तर होते है तो उन्हें नहाना बहुत जरुरी है वह बिना नहाए रमज़ान के दौरान पवित्र नहीं माने जाएंगे. इबादत के माहे रमज़ान का आज दूसरा दिन किसी नेमत से कम नहीं है, क्योकि आज जुम्मा है. जुम्मे की नमाज का अपना की सवाब है जिसे हर मुस्लिम जानता है.
देश और दुनियाभर का मुस्लिम समुदाय रमज़ान के दौरान रोज़े रखते हुए खुदा से खैरियत की दुआ करता है. सुबह, दोपहर, शाम, पांच वक़्त की नमाज़ें अता की जा रही है. अजान की आवाज से सुबह की शरुआत और रोज़े और इबादत में दिन का गुजरना इस पाक महीनेभर चलने वाला मजहबी दस्तूर है.
इस साल रमज़ान का आग़ाज़ 17 मई 2018 यानी गुरूवार को हो चूका है. कयास लगाए जा रहे हैं की यदि इस रमज़ान तीस दिन का चाँद हुआ तो इस रमजान के पाक महीने में पांच जुमा यानी पांच शुक्रवार पड़ सकते हैं. रमज़ान के यह शुक्रवार दूसरे रोजे 18 मई, नौंवा रोजा 25 मई, सोलहवां रोजा 01 जून, तेइसवां रोजा 08 जून और तीसवां रोजा 15 जून को पड़ेगा.
रमजान के पाक महीने में मिया-बीवी हमबिस्तर नहीं हो सकते. ऐसा भी कहा जाता है कि रमजान के दौरान अगर मिया-बीवी को हमबिस्तर होना है अर्थात सेक्स करना है तो वह रोजा खोलने के बाद और रोजा रखने के पहले तक यानी सहर तक ही यह कर सकते है उसके बाद नहीं.
रमज़ान के महीने में मुसलमान रोज़ा रखते हैं और रोज़े के दौरान उन्हें केवल खुदा की इबादत करनी होती हैं वह केवल खुदा को अपना समय दे सकते हैं इसके अलावा किसी को नहीं. खुदा की इबादत के अलावा मुसलमान इस दौरान कुछ नहीं कर सकतज. जी हाँ, क्योंकि रमजान का पावन पर्व केवल अल्लाह की इबादत के लिए होता है और उस वक्त केवल अल्लाह की इबादत ही करनी चाहिए.
रमजान के पाक महीने में मिया-बीवी हमबिस्तर नहीं हो सकते. ऐसा भी कहा जाता है कि रमजान के दौरान अगर मिया-बीवी को हमबिस्तर होना है अर्थात सेक्स करना है तो वह रोजा खोलने के बाद और रोजा रखने के पहले तक यानी सहर तक ही यह कर सकते है उसके बाद नहीं.
रमज़ान के महीने में रोज़े के वक्त लोगों के मन में तरह-तरह के सवाल होते हैं और उन्ही में एक सवाल ये भी होता है कि क्या रोज़े के दौरान मिया-बीवी हमबिस्तर हो सकते हैं..? इस तरह के सवाल का जवाब यह बताया गया है कि जब रमज़ान का पाक महीना हो और आपने रोज़ा रखा है.
तो आप हमबिस्तर नहीं हो सकते. रमजान के पाक महीने में मिया-बीवी हमबिस्तर नहीं हो सकते. ऐसा भी कहा जाता है कि रमजान के दौरान अगर मिया-बीवी को हमबिस्तर होना है अर्थात सेक्स करना है तो वह रोजा खोलने के बाद और रोजा रखने के पहले तक यानी सहर तक ही यह कर सकते है उसके बाद नहीं
