मजहब इस्लाम में सूद बहुत बड़ा गुनाह है सूद की हुरमत क़ुरान हदीस से साबित है अल्लाह ने खरीदने और बेचने को हलाल और सूट को हराम बताया है जिस वक्त सूद के हराम होने का हुक्म नाजिल हुआ था तो लोगों को दूसरे पर जो कुछ भी सूद का बकाया था उसको भी लेने से मना फरमा दिया गया था।
सूद को क़ुरान में इतना बड़ा गुनाह बताया है शराब पीने, सूअर खाने, और ज़िना कारी लिए कुरान करीम में वो लफ्ज़ इस्तेमाल नहीं किए गए जो सूद के लिए अल्लाह ताला ने इस्तेमाल किया है ।
कुरान में अल्लाह ताला फरमाते हैं ईमान वालों अल्लाह से डरो और जो सूद बाकी रह गया है वह छोड़ दो अगर तुम सच मुच् ईमान वाले हो अगर ऐसा नहीं करते तो तुम अल्लाह उसके रसूल से लड़ने के लिए तैयार हो जाओ, सूद खाने वालों के लिए अल्लाह उसके रसूल की तरफ से ऐलान ए जंग है ऐसी वईद किसी और बड़े गुनाह जैसे ज़िनाकारी शराब पीना पर नहीं दी गई है।
आज के दौर में बहुत लोग बैंक में पैसा जमा करते हैं जिनके अकॉउंट सेविंग होता है तो बैंक कुछ इज़ाफ़ी रकम देता है वह भी सूद है जिसको इस्तेमाल करना आपके लिए हराम है। तो सवाल है क्या फिर उस पैसे को बैंक में ही छोड़ दें उलमा फरमाते हैं बिल्कुल नहीं बल्कि आप उस पैसे को भी निकाल लीजिए अपनी जरूरत के अलावा कहीं भी खर्च कीजिए उसमें सवाब की नियत नहीं रखनी चाहिए।
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आप सूदी रकम से इनकम टैक्स और सेल टैक्स के देने में इस्तेमाल कर सकते हैं इसके अलावा सूदी रकम बैंक से निकालकर बेगैर सवाब की नियत से गरीबों को दे सकते हैं । लेकिन उसको अपने इस्तेमाल में खर्च करना जायज नहीं एक जरूरी बात सरकार की तरफ से ऐसे टैक्स जो गैर जरूरी और गैर शरई हैं वहां भी आप सूदी पैसा इस्तेमाल कर सकते हैं।
इसके अलावा किसी गरीब की शादी में बगैर किसी सवाब के कुछ पैसे के सामान खरीद कर दे सकते हैं और अगर पैसा भी देना चाहे तो दे सकते हैं । इसलिए कुछ लोग बैंक में सूद का पैसा छोड़ देते हैं वह हरगिज ऐसा न करें बैंक में सूद का पैसा मत छोड़े और ज्यादा जानकारी के लिए अपने उलमा से पूछें।