जाहिर नहीं करता कि आप गलत और दूसरा सही है बल्कि यह जाहिर करता है कि आपके रिश्ते की अहमियत आपके आना से बढ़कर हैं अच्छे वक्त से ज्यादा अच्छा दोस्त अज़ीज़ रखो क्योंकि अच्छा दोस्त बुरे वक्त भी अच्छा बना देता है रिश्तो की खूबसूरती एक दूसरे की बात को बर्दाश्त करना है बेऐब इंसान तलाश मत करो वरना अकेले रह जाओगे ।
जब इंसान की अकल मुकम्मल हो जाती है उसकी बात मुख्तसर (कम बोलने लगता है) हो जाती है। ईमान और हया दो ऐसे परिंदे हैं कि अगर उनमें से एक उड़ जाए तो दूसरा खुद ही उड़ जाता है। हज़रत अली रजि अल्लाहु अन्हु ने फरमाया उसकी दोस्ती पर एतबार ना कर जो अपने वादे को पूरा ना करता हो।
अच्छा दोस्त हाथ और आंख की तरह होते हैं जब हाथ को दर्द होता है तो आंख रोती है और जब आंख रोती है तो हाथ आंसू साफ करता है।एखलाक वो चीज है जिसकी कीमत कुछ नहीं देना पड़ती मगर उससे हर चीज खरीदी जा सकती है।
जो हक को छोड़कर इज्जत का तलबगार होता है वो जलील होकर रहता है, और जो हक के साथ दुश्मनी रखता है उसके लिए जिल्लत उसका हमेशा के लिए मुकद्दर बन जाती है । हथियारों से जंग तो जीती जा सकती है मगर दिल नहीं दिल तो किरदार से जीते जाते हैं।
जिस इंसान को गुस्सा ज्यादा आता है वह इंसान प्यार भी उतना ही ज्यादा करता है और और इतना ही साफ दिल रखता है जब तुम्हारे दिल में किसी के लिए नफरत पैदा होने लगे तो उसी वक्त उसकी अच्छाई को याद करो जब तुम दुनिया की गरीबी से तंग आ जाओ और इसका कोई रास्ता ना निकले तो सदका देकर अल्लाह से निजात के लिए दुआ मांगो।