गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं. 182 सीटों वाली विधानसभा में भाजपा ने 156 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया है. दूसरे नम्बर पर कांग्रेस रही, कांग्रेस को यहाँ 17 सीटों पर जीत मिली है जबकि आम आदमी पार्टी के खाते में 5 सीटें गई हैं. एक सीट सपा और 3 सीटें निर्दलीय के खाते में गई हैं.
गुजरात विधानसभा चुनाव के नतीजों में जहाँ राजनीतिक दल अपने-अपने समीकरण साधने में रहे वहीं राज्य की सबसे बड़ी धार्मिक अल्पसंख्यक आबादी के प्रतिनिधित्व में बेहद कमी महसूस की गई. गुजरात में कुल नौ दशमलव छ सात मुस्लिम आबादी है लेकिन इस बार के चुनाव में यहाँ से महज़ एक मुस्लिम विधायक चुन कर आया है यानी महज़ शून्य दशमलव पाँच प्रतिशत. इससे पहले चुनाव में तीन मुस्लिम विधायक चुनाव जीतकर आये थे. 2022 के विधानसभा चुनाव में एकमात्र मुस्लिम विधायक कांग्रेस के टिकट पर जीतकर आया है. अहमदाबाद की जमालपुर खड़िया सीट से इमरान खेड़ावाला चुनाव जीतकर आये हैं.
इमरान को 58487 वोट हासिल हुए जबकि भाजपा के भूषण अशोक भट्ट को 44829 वोट मिले. तीसरे नम्बर पर AIMIM के साबिरभाई काबलीवाला रहे. उन्हें 15677 वोट मिले. इस चुनाव में कांग्रेस ने 6 मुस्लिम प्रत्याशियों को मैदान में उतारा था जिनमें से एक ही सीट पर उसे कामयाबी मिली.
पिछली विधानसभा में तीन मुस्लिम विधायक थे और तीनों ही कांग्रेस पार्टी के टिकट पर चुनाव जीते थे, पार्टी ने उन्हें भी चुनाव में टिकट दिया था. पिछले चुनाव में कांग्रेस ने 5 मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था जिनमें से तीन को जीत मिली थी. दरियापुर विधानसभा सीट से कांग्रेस के सिटिंग विधायक ग़यासुद्द्दीन शेख़ को भाजपा के कौशिक जैन के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
एक अन्य सिटिंग विधायक मुहम्मद जावेद पीरज़ादा को वांकानेर में हार का सामना करना पड़ा. मोरबी ज़िले में पड़ने वाली इस सीट पर भाजपा ने जीत हासिल की. यहाँ कांग्रेस प्रत्याशी को क़रीब 20 हज़ार से हार मिली, इस सीट पर आम आदमी पार्टी के प्रत्याशी को 53 हज़ार से अधिक वोट मिला. कच्छ की अब्दासा सीट से कांग्रेस ने जाट ममद जंग को टिकट दिया, क़रीबी मुक़ाबले में वो भाजपा प्रत्याशी से क़रीब 9 हज़ार वोटों से हारे.
भाजपा ने राज्य की किसी भी सीट पर मुस्लिम उम्मीदवार नहीं उतारा था. आम आदमी पार्टी ने तीन और AIMIM ने 12 मुस्लिम नेताओं को टिकट दिया था. आम आदमी पार्टी के तीनों मुस्लिम प्रत्याशी बुरी तरह हारे जबकि AIMIM के 12 में से 2 प्रत्याशी तीसरे स्थान पर रहे.
बात अगर पूरे देश की करें तो देश में 543 सीटों वाली लोकसभा में इस समय 26 मुस्लिम सांसद हैं. अगर इसको प्रतिशत में देखें तो क़रीब 4.78% जबकि भारत में मुस्लिम आबादी कुल 14.7 प्रतिशत है. सबसे अधिक मुस्लिम सांसद तृणमूल कांग्रेस के हैं जबकि इसके बाद कांग्रेस का नम्बर आता है. तृणमूल कांग्रेस के 5 मुस्लिम सांसद हैं जबकि कांग्रेस के 4. अगर राज्यों के विधायकों की बात करें तो सारे राज्य मिलाकर कुल 233 मुस्लिम विधायक हैं जोकि कुल सीटों का 6% के क़रीब आयेगा.
सबसे अधिक विधायक कांग्रेस के हैं, कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतने वाले 54 मुस्लिम विधायक हैं, तृणमूल के 43 और सपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले 31 मुस्लिम विधायक हैं. भाजपा के टिकट पर न तो कोई मुस्लिम लोकसभा सांसद है और न ही कोई मुस्लिम विधायक चुनाव जीतकर आया है. इसका मुख्य कारण है कि भाजपा मुस्लिम नेताओं को चुनाव में बहुत कम ही टिकट देती है. भाजपा के टिकट पर चुनाव जीतने वाले आख़िरी मुस्लिम नेता अमिनुल हक़ हैं, वो 2016 के असम विधानसभा चुनाव में सोनाई सीट से चुनाव जीते थे.
बात अगर एमएलसी की करें तो इसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ही बाक़ी पार्टियों से आगे हैं. भाजपा और कांग्रेस के टिकट पर चार-चार मुस्लिम नेता एमएलसी का चुनाव जीते हैं.