शेर की एक दिन की ज़िं,दगी गीदड़ की सौ साला ज़िं,दगी से बेहतर है,भारत की आ,ज़ा,दी की ल,ड़ाई के इति,हास मे ऐसा दि,ले,र और जाँ,बा,ज़ बादशाह जिसने अंग्रेज़ो से जं,ग लड़ते हुवे श,हा,दत हासिल की,और जिसकी श,हा,दत के बाद अंग्रेज़ जन,रल हार्स ने कहा था.
कि आज से पूरा भारत हमारा है,एक ऐसा बादशाह जिस ने भारत मे पहली बार दलित महि,ला,ओ को स्त,न ढांकने का अधि,कार दिया,जिसने रॉ,केट इ,जा,द किया जिसने भारत को पहली बार ज,ल से,ना से लै,स करने की तरफ काम किया,हम बात कर रहे है शे,र ए मैसूर टी,पू सुलतान की।
टीपू सुल्तान का जन्म 20 नवम्बर 1750 ईस्वी मे उस समय हुवी जब अंग्रे,ज़ भारत में लग,भग पैर पसा,र चुके थे,और मैसूर रियासत को पा,ने के लिये ग,द्दा,रों का ग,ठ,जोड़ तैयार कर रहे थे,27 दिसम्बर 1782 मे स,त्ता की बा,ग,डोर सम्भालने से पहले ही टीपू सुल्तान अंग्रेज़ो को एक जं,ग मे धू,ल च,टा चुके थे,
इसी लिये अंग्रेज़ो के ख,तर,नाक इरादों को भांपते हुवे उन्होने 1785 मे मु,गल शहं,शाह शाह आलम को खत लिख कर अंग्रेज़ो के खि,ला,फ़ ल,ड़ा,ई मे शामिल होने की अपील की थी,टीपू जानते थे कि अंग्रेज़ो के पास आ,धुनि,क ह,थि,या,र हैं
इसलिये उन्होने अपनी फौज को भी आ,धुनि,क बनाने का फैसला किया और रॉ,के,ट ईजाद किया,और ज,ल से,ना का गठन किया यह भारत के किसी भी शासक द्वारा बनाई गई पहली ज,ल से,ना थी।
मैसूर के चा,मुं,डा हिल मंदिर समेत कई अन्य मंदिरो मे इं,सा,नों की ब,लि देने की पर,म्प,रा थी,इस प,रम्प,रा को स,ख्ती के साथ बन्द करने का आदेश दिया,साथ ही अपने राज्य मे द,लि,त महि,ला,ओ को स्त,न ढांक,ने का अधिकार दिलाया,इतिहासकार तीसी गौड़ा की मानें तो टीपू के सा,म्प्र,दा,यिक होने की कहानी ग,ढ़ी गई है,
और यह कहानी अंग्रेज़ो की बां,टो और राज करो स्कीम के तहत है टीपू ऐसे भारतीय शा,सक थे जिनकी मौ,त मै,दा,ने-जं,ग में अंग्रेज़ो के ख़िलाफ़ ल,ड़,ते-ल,ड़,ते हुई थी, साल 2014 की गणतंत्र दिवस परेड में टीपू सुल्तान को एक अ,द,म्य सा,ह,स वाला महा,न यो,द्धा बताया गया था।
टीपू सुल्तान एक पा,रम्परि,क मुस्लिम थे और नमाज़ रोजे की पा,बंद थे लेकिन वो राज,ध,र्म निभाने वाले राजा,ओ मे से थे उनकी एक अंगू,ठी पर तो राम नाम भी लिखा हुवा था,गौड़ा कहते है कि टीपू ने श्रिं,गेरी, मे,ल्को,टे, नांज,नगुं,ड, सि,रीरं,गापट,नम, को,लूर, मोकं,बिका के मंदि,रों को ज़ेव,रात दिए और सु,र,क्षा मुहैया करवाई थी,
वही प्रोफेसर नरेंद्र मानी की माने तो टीपू को स,म्प्रा,दा,यिक बताना गलत है क्युंकि इति,हास मे टीपू के स,ब,से ब,ड़े दु,श,म,न हैदराबाद के निज़ाम थे जो खुद एक मुस्लिम थे,वही 1791 मे म,र,हटा सरदार रघु,ना,थ राव ने अपने साथियों के साथ सर्ने,गरी के मन्दिर पर ह,म,ला किया .
और कई पुजारियों को मौ,त के घा,ट उ,ता,र कर मंदिर के की,मती सा,मान लू,ट ले गया जिसके बाद मंदिर के मुख्य पुजारी ने टीपू सुल्तान से फ,रि,याद की, टीपू सुल्तान ने इस मामले में न सिर्फ गु,स्से का इजहार किया बल्कि मंदिर को सु,र,क्षा मुहै,या कराई।
इतिहासकारो की मानें तो 18 वीं सदी मे हिं,दू राजाओ द्वारा द,लि,तो और महि,ला,ओ पर अने।को ज़ु,ल्म ढाये जाते थे,धर्म राज के नाम से मशहूर केरल के राजा कार्तिक वर्मा ने अपनी रियासत में दलित महि,ला,ओ को स्त,न ढांक,ने पर पा,बंदी लगा रखी थी,
साथ ही राजा जिस रास्ते से गुज़रता था उस रास्ते पर दलि,त कुं,वा,री ल,ड़कि,यों को अर्ध,नग,न खड़ा कर दिया जाता था,जिस वजह से यहा के स्था,नी,य दलित हिंदुओ ने मैसूर की तरफ पा,लाय,न किया और मैसूर मे टीपू के राज मिले अधिकारो से प्रभावित होकर अधिक्तर ने इस्लाम धर्म अपना लिया।
आज जिस तरह से टीपू सुल्तान जैसे म,हा,न शास,क और स्वतंत्रता से,ना,नी को हिंदू वि,रो,धी बताने की कोशिश की जा रही है उसके प्रमाण इतिहास की किसी भी किताब मे नही मिलते,लेकिन अगर कुछ मिलता है तो बस इतना कि ब्रि,टि,श आ,र्मी के लंदन स्थित वा,र म्यु,जिय,म मे जिन 20 सबसे बड़े दु,श्म,नो का नाम अंग्रेज़ो ने लिख रखा है .
उसमे एक नाम टीपू सुल्तान का भी है,जिसे अंग्रेज़ो ने पण्डित पूर्णिया और मीर जाफर जैसे ग,द्दा,रो को साथ मिला कर श,ही,द कर दिया अंग्रेज़ फौज के जनरल हार्स ने टीपू के पा,र्थि,व श,री,र के पास खड़े होकर एलान किया कि आज से हिन्दुस्तान हमारा है।