हम अक्सर आपके लिए किताबों की समीक्षा लाते रहते हैं. अलग-अलग भाषाओं की किताब समीक्षा हम करते हैं लेकिन आज हम जिस किताब की समीक्षा करने जा रहे हैं वो अंग्रेज़ी में है. असल में आज हम दो किताबों की समीक्षा करेंगे. ये दोनों ही किताबें सोनल सोनकवड़े ने लिखी हैं. ये दोनों ही उपन्यास हैं, पहले का नाम है “कॉमा” और दूसरी का नाम है “सो व्हाट”.”सो व्हाट” बाद में आयी है और “कॉमा” का प्री-क्वल है.
इन दोनों किताबों को पढ़ने के बाद हमें लगा कि इन किताबों की चर्चा अलग-अलग करना मुश्किल होगा क्यूंकि दोनों किताबें एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. सोनल का लेखन अच्छा है और बांधे रखता है. अंग्रेज़ी में होने के बाद भी ये उन लोगों को पसंद आएगी जो कभी-कभी ही अंग्रेज़ी उपन्यास पढ़ते हैं. अपने आप में अलग-अलग मुद्दों को उठाती हुई चलती एक कहानी सी है.
दोनों किताबें शानदार हैं और रुक कर पढ़ने वाली हैं. दमदार कहानी होने की वजह से पाठक हर समय अपने में मन में कुछ विचार क़ायम करता रहता है. इन दोनों किताबों के बारे में हिन्दी-उर्दू साहित्य की वेबसाइट “साहित्य दुनिया” ने लिखा है,”दोनों ही उपन्यास पढ़ने लायक हैं और दोनों की कहानी एक ही किरदार की कहानी होते हुए भी, दोनों उपन्यास एक- दूसरे से अपना अलग महत्व रखते हैं। हम तो कहेंगे कि दोनों उपन्यास को पढ़ना ही चाहिए।” हमारी राय में भी ये दोनों ही उपन्यास पढ़ने वाले हैं.