आस्ट्रेलिया की सरकार ने इज़राइल को एक बड़ा झटका देते हुवे यरूशलेम को इज़रायल की राजधानी मानने से इनकार कर दिया,ऑस्ट्रेलिया में लेबर पार्टी की सरकार ने मंगलवार को एक बड़ा फैसला लेते हुए पश्चिमी यरुशलम (Jerusalem) को इजरायल (Israel) की राजधानी मानने से इंकार कर दिया, सरकार ने चार साल पहले यरुशलम को दी गई मान्यता वापस ले ली है, ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वॉन्ग ने कहा कि राजधानी का दर्जा तब तक अंतिम नहीं माना जाना चाहिए जब तक कि फलीस्तीनी लोगों के साथ शांतिवार्ता पूरी नहीं हो जाती, सरकार ने इस फैसले को इजरायल और फिलिस्तीन के बीच शांति वार्ता के हिस्से के रूप में बताया है।
गौर तलब रहे कि 1947 में फिलिस्तीन देश को 2 हिस्सों में बाँट दिया गया था,और एक नए यहूदी देश के रूप में इजरायल का जन्म हुवा,संयुक्त राष्ट्र ने उसी समय 2 देश तो बनाये लेकिन फिलिस्तीन को एक देश के रूप में स्वीकार न करके इज़रायल को मनमानी करने की पूरी आज़ादी दे दी जिसकी वजह से पिछ्ले 75 सालों में लगातार इज़रायल अपनी सीमा का विस्तार करता गया,हद तो तब हो गई जब इज़रायल ने यरूशलेम को अपनी राजधानी घोषित कर दिया और अमेरिका समेत कुल 6 देशों ने इस असंवैधानिक फैसले को मान्यता दे दी और संयुक्त राष्ट्र मूक दर्शक बना रहा।
हालाँकि इज़रायल के इस कब्ज़े का दुनिया भर के अधिक्तर देशों ने विरोध किया लेकिन इन तमाम विरोधो का कोई खास असर नही हुवा,और यरूशलेम पर इज़रायल ने अपनी मज़बूत पकड़ बनाता रहा,हालाँकि आस्ट्रेलिया की सरकार के मान्यता वापस लेने के फैसले से इज़रायल को एक बड़ा झटका लगा है,इससे पहले साल 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा मान्यता दिए जाने के बाद ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन ने भी साल 2018 में इजरायल की राजधानी के रूप में पश्चिम यरुशलम को मान्यता दी थी,पेनी वॉन्ग ने कहा कि 2018 में पिछली सरकार का यरुशलम को राजधानी मानने का फैसला सनक से भरा हुआ था,वॉन्ग ने कहा था कि पिछली सरकार ने वेंटवर्थ उपचुनाव जीतने के मकसद से विदेश नीति के साथ राजनीति की और ऐसा फैसला लिया, ऑस्ट्रेलिया सरकार का कहना है कि इस मुद्दे को इजरायल और फिलीस्तीन के बीच शांति वार्ता के रूप में सुलझाया जाना चाहिए।
इजरायल के पीएम यायर लैपिड ने मंगलवार को ऑस्ट्रेलिया के फैसले की तीखी आलोचना की। लैपिड ने इस कदम को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया,लैपिड ने कहा कि हम सिर्फ आशा कर सकते हैं कि ऑस्ट्रेलिया की सरकार इन मसलों को अधिक गंभीरता और पेशेवर रूप से लेगी, इजरायली पीएम के ऑफिस द्वारा जारी बयान में कहा गया कि यरुशलम इजरायल की शाश्वत और संयुक्त राजधानी है, और ऑस्ट्रेलिया के इस फैसले से कुछ भी नहीं बदलेगा, वहीं इजरायल के विदेश मंत्रायल ने औपचारिक विरोध दर्ज कराने के लिए ऑस्ट्रेलिया के राजदूत को तलब किया है।
इस बीच फिलिस्तीन ने ऑस्ट्रेलिया के इस कदम की सराहना की है, फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नागरिक मामलों के मंत्री हुसैन अल शेख ने ट्विटर पर कहा कि वे ऑस्ट्रेलिया के यरुशमल के संबंध में लिए गए फैसले और अंतराष्ट्रीय वैधता के मुताबिक दो-राष्ट्र समाधान के लिए उनके आह्वान का स्वागत करते हैं,उन्होने कहा कि यरूशलेम फिलिस्तीन का अभिन्न अंग है जिस पर इज़रायल ने अवैध तरीके से कब्ज़ा किया हुवा है,जिसे अंतर्राष्ट्रीय समुदाय भी मान्यता नहीं देता है,ऐसे में हमारा ही नही बल्कि संयुक्त राष्ट्र का भी मानना है यरूशलेम आज़ाद फिलिस्तीन की राजधानी है।