इस विश्व कप के शुरू होने के बाद सबसे बड़ा उलटफेर तब हुआ था जब अर्जेंटीना को सऊदी अरब की टीम ने 2-1 से हरा दिया था. हालाँकि सऊदी अरब अपने बाक़ी मैचों में बहुत अच्छा नहीं कर सका. एक और अरब टीम ट्यूनीशिया ने अच्छा खेल दिखाया लेकिन गोल अंतर की वजह से वो राउंड ऑफ़ 16 में नहीं पहुँच सका. ट्यूनीशिया ने फ़्रांस जैसी मज़बूत और विश्व चैम्पियन टीम को हराया था. राउंड ऑफ़ 16 में अफ़्रीका की दो टीमें पहुँचीं एक सेनेगल और दूसरी मोरक्को.
मोरक्को अफ़्रीका महाद्वीप में होने के साथ साथ अरब जगत की भी है. अरब जगत और अफ़्रीकी महाद्वीप दोनों जगह के लोग मोरक्को पर अपना मन लगाये हुए हैं. सेनेगल जब अपना मैच राउंड ऑफ़ 16 में हार गई तो अब अफ़्रीका के लोगों को सिर्फ़ मोरक्को से ही उम्मीदें बची थीं. मोरक्को ने भी ऐसा खेल दिखाया कि सब चौंक गए.
मोरक्को ने इतिहास रचते हुए पहली बार विश्व कप के क्वार्टर फाइनल में प्रवेश किया है. उसने स्पेन के साथ हुए राउंड ऑफ़ 16 मुक़ाबले को पेनाल्टी शूटआउट में जीत लिया. एक्स्ट्रा टाइम के बाद भी जब दोनों टीमें कोई गोल नहीं कर सकीं तो मैच पेनाल्टी में गया. पेनाल्टी शूटआउट में दोनों टीमों को पाँच मौक़े दिए जाते हैं जो अधिक गोल करता है उसे जीत मिल जाती है. अपनी पहली तीन पेनाल्टीज़ में स्पेन एक भी गोल नहीं कर सका जबकि मोरक्को अपनी चार पेनाल्टी में 3 गोल कर गया.
स्पेन अगर अब दोनों पेनाल्टी पर गोल कर भी देता तो भी वो जीत नहीं सकता था इसलिए मोरक्को 3-0 से विजयी रहा. मोरक्को ने 2010 की चैम्पियन टीम को हरा दिया है. इसके साथ ही वो अरब और अफ़्रीकी जगत की एकमात्र टीम इस टूर्नामेंट में बची है जो इसे जीत सकती है. अब अगर मोरक्को को चैम्पियन बनना है तो उसे तीन और मैच जीतने हैं. क्वार्टर फाइनल, सेमी फाइनल और फाइनल लेकिन अगर वो अगला मैच हार गई तो वो आगे नहीं खेल सकेगी. वर्ल्ड कप अब पूरी तरह नॉकआउट है.
मोरक्को ने विश्व कप इतिहास में पहली बार क्वार्टर फाइनल में अपना स्थान पक्का कर लिया है। उसने प्री-क्वार्टर फाइनल में 2010 की चैंपियन टीम स्पेन को पेनल्टी शूटआउट में हरा दिया। स्पेन की टीम लगातार दूसरी बार प्री-क्वार्टर फाइनल में हार गई। पिछली बार उसे रूस ने पेनल्टी शूटआउट में ही हराया था।
निर्धारित 90 मिनट तक एक भी गोल नहीं होने के बाद मैच एक्स्ट्रा टाइम में पहुंच गया। एक्स्ट्रा टाइम के समाप्त होने के बाद स्कोर 0-0 ही रहा। फिर मैच का नतीजा पेनल्टी शूटआउट से हुआ। मोरक्को के लिए पेनल्टी शूटआउट में अब्देलहमीद साबिरी, हाकिम जिएच और अशरफ हकीमी ने गेंद को गोलपोस्ट में भेजा। उसके लिए बद्र बेनउल गोल पेनल्टी शूटआउट में चूक गए। वहीं, स्पेन के लिए पाब्ले सराबिया, कार्लोस सोलर और सर्जियो बुस्केट्स चूक गए। तीनों गेंद को गोलपोस्ट में नहीं भेज सके। इस तरह मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को 3-0 से हरा दिया।
स्पेन और मोरक्को की टीमें निर्धारित 90 मिनट तक एक भी गोल नहीं कर सकीं। यह मैच अब एक्स्ट्रा टाइम में पहुंच गया है। यहां 15-15 मिनट के दो हाफ खेले जाएंगे। अगर अगले 30 मिनट में भी गोल नहीं हुआ तो पेनल्टी शूटआउट होगा। इस विश्व कप में दूसरी बार कोई मैच एक्स्ट्रा टाइम में पहुंचा है। इससे पहले सोमवार को क्रोएशिया ने पेनल्टी शूटआउट में जापान को हराया था।