महाराष्ट्र में पिछले साल नवंबर से अब तक यानी चार महीनों में कम से कम 50 ‘हिंदू जन आक्रोश मोर्चा’ रैलियां राज्य के लगभग सभी 36 जिलों में आयोजित की गई हैं। इन सभी रैलियों में प्राय: एक ही पैटर्न का पालन किया गया। रैली के दौरान लोग हाथों में भगवा झंडे थामे रहे और सिप पर भगवा टोपियां पहने रहे। कई लोगों ने कंधे पर भगवा पट्टा भी रख रखा था।
इनके अलावा इन रैलियों में एक और समानता रही, वह यह कि सभी रैलियों में वक्ताओं ने अल्पसंख्यकों के खिलाफ “लव जिहाद”,”लैंड जिहाद”, “जबरन धर्मांतरण” पर हमला बोला और मुस्लिम समुदाय के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया।
हालांकि, बीजेपी ने खुद को भले इन रैलियों से अलग कर लिया और इसे आरएसएस की छत्रछाया में पले-बढ़े सकल हिन्दू समाज का कार्यक्रम बताया। बावजूद इसके बीजेपी के कई स्थानीय विधायक और सांसद रैली में शिरकत करते दिखे।
रैलियों में बीजेपी नेताओं की जगह दक्षिणपंथी कट्टरपंथियों को ही बड़े पैमाने भाषण देते हुए देखा गया। उनमें निलंबित भाजपा नेता और तेलंगाना विधायक टी राजा सिंह, कालीचरण महाराज और काजल हिंदुस्तानी भी शामिल थे।
इन नेताओं में से दो (सिंह और महाराज) राज्य के अंदर और बाहर हेट स्पीच के आरोपों का सामना कर रहे हैं सिंह को जहां इस्लाम और पैगंबर मोहम्मद पर उनकी टिप्पणी के आरोप में पिछले साल अगस्त में भाजपा ने निलंबित कर दिया था,
वहीं कालीचरण महाराज उर्फ अभिजीत धनंजय सारंग जो महाराष्ट्र के अकोला के रहने वाले हैं और महाराष्ट्र में ऐसी रैलियों के एक चर्चित चेहरा रहे हैं। उन्हें दिसंबर 2021 में रायपुर में एक धर्म संसद में एक ‘हिंदू राष्ट्र’ के प्रस्ताव के लिए गिरफ्तार किया गया था।
उस सभा में कालीचरण महाराज ने कथित तौर पर नाथूराम गोडसे का गुणगान किया था। काजल हिंदुस्तानी उर्फ काजल सिंगला गुजरात के हिंदुत्व कार्यकर्ता हैं। इसी महीने 12 मार्च को मुंबई के मीरा रोड पर “इस्लामी आक्रामकता”, “लव जिहाद” और “भूमि जिहाद” के खिलाफ इसी तरह की एक रैली आयोजित की गई थी,
जिसमें कुछ वक्ताओं ने मुसलमानों के आर्थिक बहिष्कार का आह्वान किया था। दो किलोमीटर लंबी रैली में स्थानीय विधायक गीता जैन के अलावा बीजेपी विधायक नितेश राणे और अन्य बीजेपी के कार्यकर्ता और नेता भी शामिल हुए थे। महाराष्ट्र पुलिस के अधिकारी भी रैली में मौजूद थे, जो उसकी रिकॉर्डिंग कर रहे थे।
बता दें कि हिन्दू जन मोर्चा की रैलियों के अलावा, पूरे महाराष्ट्र में इसी तरह की अन्य रैलियां भी हुई हैं, जिसमें हिंदू जनजागृति समिति, गोवा स्थित एक संगठन द्वारा आयोजित ‘हिंदू राष्ट्र जागृति सभा’ भी शामिल है। इन रैलियों में भी भड़काऊ भाषण हुए हैं। इन रैलियों का उद्देश्य “हिंदू राष्ट्र” की स्थापना करना है।
दरअसल, अगले कुछ महीनों में बीएमसी चुनाव होने हैं। इसके अलावा इसी साल पड़ोसी राज्य कर्नाटक में विधानसभा और अगले साल आम चुनाव होने हैं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव भी अगले साल लोकसभा चुनावों के साथ होने हैं।
इसलिए सत्ताधारी बीजेपी और उसके सहयोगी दल व संगठन राज्य में मुस्लिमों के खिलाफ हिन्दू वोटरों का ध्रुवीकरण चाहती है, ताकि उसका फायदा चुनावों में मिल सके।